सफलता की ओर दौड़ती आयुष्मान भारत योजना
सेहतराग टीम
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी और गेमचेंजर स्वास्थ्य योजना प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से भी जाना जाता है का लाभ उठाकर मुफ्त में अपना इलाज करवाने वालों की संख्या 20 लाख को पार कर गई है। यही नहीं इस योजना के तहत अब तक 3.07 करोड़ लाभार्थियों को ई-कार्ड जारी किए गए हैं। योजना की देख-रेख करने वाली एजेंसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने यह जानकारी दी है। इस कार्ड के जरिये देश के गरीब तबके के लोगों को सरकारी के साथ साथ योजना में पंजीकृत निजी अस्पतालों में भी इलाज की मुफ्त सुविधा मिलती है।
एनएचए के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने शनिवार को स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत --प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की समीक्षा की और इसमें हुई प्रगति की जानकारी ली। नड्डा ने एनएचए के संचालन बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता भी की।
इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर, 2018 में की थी। इसमें 10.74 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन 10.74 करोड़ घरों में करीब 50 करोड़ लोगों को यह सुविधा मिलनी है और पिछले छह महीनों में 3 करोड़ 7 लाख लोगों के कार्ड बन गए हैं। हालांकि योजना के लक्ष्य को हासिल करने में अभी लंबी दूरी तय की जानी है मगर शुरुआत ठोस हुई है। वैसे भी देश के कई राज्यों ने खुद को इस योजना से बाहर रखा है। इनमें अधिकांशत: विपक्ष शासित राज्य ही शामिल हैं।
एनएचए के बयान के अनुसार योजना लागू होने के पहले 200 दिनों में पीएम-जेएवाई के तहत 20.8 लाख से अधिक गरीब लोग लाभान्वित हुए। चिकित्सा बीमा की इस योजना के तहत इन लोगों को 5,000 करोड़ रुपये के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई। हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के प्रयासों से यह खर्च 2,760 करोड़ रुपये रहा।
योजना के तहत अब तक 3.07 करोड़ लाभार्थियों को पीएम-जेएवाई का ई-कार्ड जारी किया गया। योजना के तहत 15,400 अस्पताल को जोड़ा गया है। इसमें से 50 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं।
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